जातिगत जनगणना

जातिगत जनगणना की मांग क्यों बढ़ रही है भारत में?

1. उपनिवेशकालीन आरंभ (1871–1931) 2. युद्धकालीन और बाद के दशक (1941–2011) 3. सामाजिक‑आर्थिक एवं जाति जनगणना (SECC) और राज्य‑स्तरीय सर्वेक्षण (2011–2023) 4. आगामी जनगणना और उसकी संभावित दिशा (2025) 5. सामाजिक‑राजनीतिक प्रभाव मई 2025 में केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक रूप से यह निर्णय लिया है कि आगामी राष्ट्रीय जनगणना में पहली बार जातिगत आंकड़े भी…

Read More