SEBI OPINION TRADING हाल ही में SEBI ने निवेशकों को आगाह किया है कि “Opinion Trading” नामक कुछ ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म असल में शेयर बाज़ार नहीं, बल्कि इवेंट-बेस्ड दांव-धड़ी ही हैं। यहाँ क्रिकेट मैच, चुनाव परिणाम या क्रिप्टोकरेंसी की दिशा जैसी घटनाओं पर “हाँ/नहीं” के आधार पर दांव लगाया जाता है। सही भविष्यवाणी पर इनाम मिलता है, गलत हो तो पैसे डूब जाते हैं।
Opinion Trading क्या है?
ये प्लेटफ़ॉर्म शेयरों की तरह “सिक्योरिटी” नहीं बेचते, बल्कि किसी घटना के नतीजे पर स्पेक्युलेट करते हैं।
उपयोगकर्ताओं को “प्रॉफिट”, “स्टॉप-लॉस”, “ट्रेडिंग” जैसे शेयर बाज़ार के शब्दावली के ज़रिए आकर्षित किया जाता है, जिससे बहुत से लोग समझ बैठते हैं कि वे कोई वैध निवेश कर रहे हैं।
लेकिन असल में यह भाग्य-आश्रित दांव है, न कि कंपनी के शेयरों में हिस्सेदारी।
बढ़ती लोकप्रियता के कारण
बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट (जैसे IPL, चैंपियंस ट्रॉफी) के दौरान ऐसी सेवाओं की मांग चरम पर होती है।
Probo, MPL Opinio जैसे ऐप्स आईपीएल के हर खेले प्रश्न पूछते हैं—जैसे “क्या CSK 300 से अधिक रन बनाएगी?”—और दर्शकों की रूचि को जुए जैसा मनोरंजन बनाकर सुनहरा अवसर बताते हैं।
SEBI की मुख्य बातेँ
नियामक का दायरा बाहर
Opinion Trading में लेन-देन को कोई वास्तविक शेयर या सिक्योरिटी नहीं माना जाता, इसलिए SEBI इन्हें नियंत्रित नहीं करता।
गैरकानूनी गतिविधियाँ
यदि कोई प्लेटफ़ॉर्म शेयर बाज़ार जैसा शब्दजाल इस्तेमाल करके निवेशकों को भ्रमित करता है, तो वह परपेचुअल ट्रेडिंग गैरकानूनी है।
निवेशक सुरक्षा का अभाव
पारंपरिक स्टॉक एक्सचेंज की तरह कोई सुरक्षा या बीमा कवरेज Opinion Trading पर लागू नहीं होता।
स्टॉक एक्सचेंजों को अलर्ट
SEBI ने मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों से भी कहा है कि वे ऐसी गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखें।
प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म्स
- गुरुग्राम स्थित Probo और MPL Opinio
- अन्य लोकप्रिय नाम: PlayerzPot, Real11, BigCash इत्यादि
इन पर अभी तक हजारों करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और लेन-देन की राशि सालाना लाखों करोड़ों तक पहुँचती है।
स्टॉक ट्रेडिंग और Opinion Trading में फर्क
विषय | स्टॉक ट्रेडिंग | Opinion Trading |
---|---|---|
वस्तु | असली कंपनियों के शेयर | घटनाओं पर “हाँ/नहीं” दांव |
नियंत्रण | SEBI द्वारा नियमन | नियामक दायरे से बाहर |
सुरक्षा | निवेशक संरक्षण, क्लियरिंग कॉर्प्स | कोई कानूनी सुरक्षा नहीं |
पारदर्शिता | नियमित रिपोर्टिंग, ऑडिट | पूरी तरह गैरपारदर्शी |
निवेशकों के लिए सुझाव
अनियंत्रित प्लेटफ़ॉर्म से बचें: SEBI ने साफ कहा है कि ये ऐप्स अभी किसी कानूनी ढांचे में नहीं आते।
पूरी जानकारी लें: समझें कि ये दांव ज्यादातर किस्मत पर निर्भर हैं, न कि विश्लेषण या रणनीति पर।
परंपरागत विकल्प चुनें: लम्बी अवधि के लिए म्यूचुअल फंड, शेयर बाज़ार में सीधे निवेश या PPF जैसे साधन बेहतर हैं।
जोखिम सीमित रखें: अगर Opinion Trading में पैसा लगाने का मन है, तो बेहद कम रकम से शुरुआत करें।
सलाह लें: किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से मार्गदर्शन अवश्य लें, दोस्त या ऑनलाइन प्रचार पर भरोसा करके तुरंत भारी रकम न लगाएँ।