Canada election 2025 चुनाव की तारीख और घटनाक्रम
Canada election 2025 कनाडा में संसदीय आम चुनाव 28 अप्रैल 2025 को संपन्न हुआ। यह चुनाव अपेक्षित समय से पहले हुआ क्योंकि जनवरी 2025 में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नौ वर्षों के शासन के बाद पद छोड़ने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद, मार्च में लिबरल पार्टी ने पूर्व केंद्रीय बैंक गवर्नर मार्क कार्नी को नया नेता चुना, जिन्होंने प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालते ही शीघ्र चुनाव कराने का निर्णय लिया।
चुनाव की प्रक्रिया पारंपरिक तौर पर मैनुअल वोटिंग और गिनती के जरिए संपन्न हुई, और परिणाम उसी शाम से आना शुरू हो गए।
Canada election 2025 प्रमुख दल और उनके नेता
इस चुनाव में पांच प्रमुख दलों ने प्रमुखता से भाग लिया:
लिबरल पार्टी: मार्क कार्नी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और सत्ता में लौटी।
कंजरवेटिव पार्टी: पीयर पोइलीवरे ने नेतृत्व किया और मुख्य विपक्ष में रहे।
न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP): जगमीत सिंह की अगुवाई में चुनाव लड़ा गया।
ब्लॉक क्यूबेकोइस: यवेस ब्लांशेट इसके नेता हैं, जो विशेष रूप से क्यूबेक क्षेत्र में सक्रिय हैं।
ग्रीन पार्टी: एलिजाबेथ मे इसके नेतृत्त्व में रही।
इसके अलावा कई छोटे दल भी मैदान में थे, लेकिन संसदीय सीटों पर इन पांच दलों का प्रभाव सबसे अधिक रहा।
Canada election 2025 परिणाम: सीटों का वितरण और वोट प्रतिशत
परिणामों के अनुसार:

- लिबरल पार्टी को 169 सीटें मिलीं (अल्प बहुमत)
- कंजरवेटिव पार्टी को 144 सीटें
- ब्लॉक क्यूबेकोइस को 22 सीटें
- एनडीपी को 7 सीटें
- ग्रीन पार्टी को 1 सीट
Canada Election 2025 वोट शेयर में:
- लिबरल्स को लगभग 43.7%
- कंजरवेटिव्स को 41.3%
- ब्लॉक और एनडीपी को लगभग 6.3%
- ग्रीन पार्टी को 1.3%
कुल 343 सीटों में से किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन लिबरल पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
Canada election 2025 चुनाव अभियान के प्रमुख मुद्दे
चुनाव के दौरान निम्न मुद्दे चर्चा में रहे:
- अमेरिका-कनाडा व्यापार संबंध, विशेषकर अमेरिकी नेता डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा को लेकर दिए गए विवादास्पद बयानों ने माहौल को गर्माया।
- घरेलू मोर्चे पर, महंगाई, आवास की कमी, और आप्रवास जैसे मुद्दों ने मतदाताओं को प्रभावित किया।
- लिबरल पार्टी ने आर्थिक निवेश, बजट वृद्धि, और विदेश व्यापार के विस्तार पर जोर दिया।
- कंजरवेटिव पार्टी ने जीवन-यापन की लागत घटाने और क़ानून व्यवस्था को प्राथमिकता दी।
- एनडीपी और ग्रीन पार्टी ने सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया।
मतदाता भागीदारी और जनसांख्यिकी
करीब 68.7% योग्य मतदाताओं ने इस बार मतदान किया – जो 1993 के बाद की सबसे ऊँची भागीदारी मानी जा रही है। अनुमानतः:
- लगभग 11 मिलियन लोगों ने चुनाव दिवस पर वोट डाला
- 7.3 मिलियन लोगों ने पहले से मतदान किया (एडवांस पोलिंग)
- करीब 1.2 मिलियन मतदाताओं ने डाक द्वारा वोट भेजा
अभी विस्तृत जनसांख्यिकीय विश्लेषण उपलब्ध नहीं है, लेकिन शुरुआती अनुमान दर्शाते हैं कि युवाओं, बुजुर्गों, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान पैटर्न में विभिन्नताएँ रहीं।
प्रतिक्रियाएँ: नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की
चुनाव परिणाम आने के बाद:
- मार्क कार्नी ने जीत को “जनादेश” बताया और अमेरिका के साथ संतुलित रिश्तों की बात कही।
- पीयर पोइलीवरे ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि विपक्ष अपनी भूमिका निभाता रहेगा।
- जगमीत सिंह ने पराजय के बाद पार्टी नेतृत्व छोड़ने के संकेत दिए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, कई नेताओं ने शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया की सराहना की। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कार्नी को बधाई दी और उन्हें अमेरिका-कनाडा साझेदारी के लिए उपयुक्त नेता बताया।
भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
हालांकि लिबरल पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से कुछ सीटें दूर रह गई है। ऐसे में सरकार को अन्य दलों के समर्थन की आवश्यकता पड़ेगी – विशेषकर एनडीपी या ब्लॉक क्यूबेकोइस से।
अल्प बहुमत वाली सरकारें अक्सर ज़्यादा समय तक नहीं चलतीं, इसलिए गठबंधन राजनीति का दौर लौट सकता है। अब कार्नी को मंत्रिमंडल का गठन करना है और संसद में स्थायी सीट भी जीतनी है, क्योंकि वे अभी तक सीधे चुने गए सांसद नहीं हैं।
आने वाले समय में आर्थिक नीतियाँ, अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध, और बजट घाटे की भरपाई जैसे मुद्दे सरकार की प्राथमिकताओं में होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इन चुनावों ने कनाडा की नीति दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।