क्या है ऑपरेशन पराक्रम जहां बिना युद्ध के 798 भारतीय जवान शहीद हुए

ऑपरेशन पराक्रम

13 दिसंबर 2001: संसद पर हमला — और भारत का गुस्सा फट पड़ा

13 दिसंबर 2001 को, पांच आतंकवादियों ने भारतीय संसद पर हमला किया। 12 लोग मारे गए। हमले का आरोप लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर लगा, जिनका संबंध पाकिस्तान से था।


20 दिसंबर 2001: ऑपरेशन पराक्रम की शुरुआत

भारत ने पाकिस्तान सीमा पर 5 लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया। यह 1971 के बाद की सबसे बड़ी सैन्य लामबंदी थी।


🗓️ प्रमुख घटनाक्रम

  • 1 अक्टूबर 2001: जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला, 38 लोग मारे गए।
  • 13 दिसंबर 2001: भारतीय संसद पर हमला।
  • 20 दिसंबर 2001: ऑपरेशन पराक्रम की शुरुआत।
  • 14 मई 2002: कालूचक में आतंकी हमला, 34 लोग मारे गए।
  • अक्टूबर 2002: भारत ने सैनिकों की वापसी शुरू की।
  • नवंबर 2003: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ।

💣 लागत और हताहत

  • भारत की लागत: ₹21,600 करोड़ (US$3–4 बिलियन)।Wikipedia on IPFS
  • पाकिस्तान की लागत: US$1.4 बिलियन।Bharatpedia+6Wikipedia on IPFS+6AtoZ Wiki+6
  • भारतीय हताहत: 1,874 सैनिक हताहत, जिनमें 798 की मृत्यु हुई।
  • नागरिक विस्थापन: 155,000 भारतीय और 45,000 पाकिस्तानी नागरिक विस्थापित हुए।Bharatpedia+4

🎖️ ऑपरेशन पराक्रम मेडल

इस ऑपरेशन में भाग लेने वाले सैनिकों और नागरिकों को “ऑपरेशन पराक्रम मेडल” से सम्मानित किया गया। यह मेडल सभी रैंकों के सशस्त्र बलों, टेरिटोरियल आर्मी, रिजर्व फोर्सेज, नर्सिंग स्टाफ और अन्य संबंधित कर्मियों को दिया गया।



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